Tuesday, August 26, 2008

मेरी मदद करो....

मित्रों मेरी मदद करो

कल रात पता नहीं क्यों मुझे अपना पासवर्ड बदलने की धुन सवार हुई....और मैंने शब्दाचार्य अजित बडनेकर जी से दिशा निर्देश लेते हुए मैंने अपना पासवर्ड बदल भी दिया....

लेकिन पता नहीं क्या और कहाँ चूक हो गई....और मेरा मेल पता बदले हुए पासवर्ड से नहीं खुल रहा है और पुराना पासवर्ड भी अभी काम नहीं कर रहा है....कुल मिलाकर यह बदलाव मुझे मुश्किल में डाल गया है...मेरा प्यारा मेल पता मेरी ही पहुँच के बाहर हो गया है.....

ऐसी दशा में मैं बोधिसत्व ...जो कि हिंदी का चाकर हूँ....मेल और ब्लॉग की दुनिया के तमाम समझदारों से तहे दिल से अपील कर रहा हूँ कि वे पासवर्ड पाने और मेल बॉक्स तक पहुँचने में मेरी मदद करें...मैं मरते दम तक उनका आभारी रहूँगा....

भरोसा न हो तो मदद करके देख लें....मेरे जैसा नमक हलाल खोजने पर भी नहीं मिलेगा....