tag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post5673187416720503939..comments2023-08-25T04:09:30.854-07:00Comments on विनय पत्रिका: कितने-कितने और कैसे-कैसे गांधीबोधिसत्वhttp://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-31445282762060505352007-10-02T11:01:00.000-07:002007-10-02T11:01:00.000-07:00यह सब गांधी की तोकप्रियता का सबूत है....उनके विरोध...यह सब गांधी की तोकप्रियता का सबूत है....उनके विरोधी भी उनको किसी ना किसी तरह याद कर लेते हैं....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-2665277515015282382007-10-02T09:02:00.000-07:002007-10-02T09:02:00.000-07:00चलिये बढ़िया याद कर लिया मौके पर.मेरी मुलाकात भी अभ...चलिये बढ़िया याद कर लिया मौके पर.<BR/><BR/>मेरी मुलाकात भी अभी कुछ समय पूर्व ही गाँधी जी से हुई थी जिसका वृतांत अभिव्यक्ति पत्रिका में छपी है इस बार देखिये हमारी मुलाकात का नजारा:<BR/><BR/>http://www.abhivyakti-hindi.org/sansmaran/2007/mainegandhi.htmUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-42462349491879371852007-10-02T06:06:00.000-07:002007-10-02T06:06:00.000-07:00एक कहावत भी चलती है कि मजबूरी का नाम महात्मा गांधी...एक कहावत भी चलती है कि मजबूरी का नाम महात्मा गांधी...अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-46684674896737523362007-10-02T03:08:00.000-07:002007-10-02T03:08:00.000-07:00चलिये इन गांधियों के बहाने गांधीजी को और गान्धीजी ...चलिये इन गांधियों के बहाने गांधीजी को और गान्धीजी के बहाने इन गुमनाम लोगों को याद तो कर लिया जाता है. <BR/>बापू वास्तव में गुमनाम लोगों की आवाज थे.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com