tag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post7182846900188381860..comments2023-08-25T04:09:30.854-07:00Comments on विनय पत्रिका: नाम के लिए हत्याबोधिसत्वhttp://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-22771460456925400902009-05-10T06:39:00.000-07:002009-05-10T06:39:00.000-07:00पहुँच तो गया है लेकिन नतीजा कोई नहीं निकलने वाला.....पहुँच तो गया है लेकिन नतीजा कोई नहीं निकलने वाला....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-77426879135174942182009-05-09T20:37:00.000-07:002009-05-09T20:37:00.000-07:00देर और दुरुस्त का मामला तो ठीक है भाई साहब पर ये ब...देर और दुरुस्त का मामला तो ठीक है भाई साहब पर ये बताये कि उन महान आत्माओ तक ये सदविचार पहुँचे की नही?Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-49936058715890030122009-05-05T09:34:00.000-07:002009-05-05T09:34:00.000-07:00अशोक भाई
26 तारीख की आपकी टीप आज छाप पाया हूँ
माफ...अशोक भाई <br />26 तारीख की आपकी टीप आज छाप पाया हूँ<br />माफ करिएगा।बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-28435684877242614262009-04-26T20:17:00.000-07:002009-04-26T20:17:00.000-07:00vaise sabse achchaa naam hoga PURASHKRUT...
aajka...vaise sabse achchaa naam hoga PURASHKRUT...<br /><br />aajkal YUVA ka bhi fashion hai.<br /><br />gorakhpur vale baba ki kirpa chahiye to jo bhi nam hai uske antim akshhar me ii ki matra laga len.<br /><br />vaise is hath le us hath de ke tahat kisi any kavi-alochak se samjhouta kar len to sabse badhiya.Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-32637946735744920912009-04-24T03:46:00.000-07:002009-04-24T03:46:00.000-07:00आपने भी उनका नाम जाहिर न करके आखिरकार उनके साथ अन्...आपने भी उनका नाम जाहिर न करके आखिरकार उनके साथ अन्याय कर ही डाला. अब देखिये वह अनादि, आदि, इत्यादि महाशय आपके साथ कैसा सलूक करते हैं!विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-89480900243875144702009-04-23T00:47:00.000-07:002009-04-23T00:47:00.000-07:00नाम में क्या रखा है, रचना उम्दा होनी चाहिये।नाम में क्या रखा है, रचना उम्दा होनी चाहिये।Anil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-15015176561418290362009-04-22T23:09:00.000-07:002009-04-22T23:09:00.000-07:00उलझन मे डाल दिया।हरेक लिखने वाला समझेगा कि शायद उस...उलझन मे डाल दिया।हरेक लिखने वाला समझेगा कि शायद उसी की बात हो रही है:))परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-9244403874030731282009-04-22T22:31:00.000-07:002009-04-22T22:31:00.000-07:00इन नामों के साथ जो भी लिखता दिखे समझ लीजिए कि वही ...इन नामों के साथ जो भी लिखता दिखे समझ लीजिए कि वही हैं ये सज्जन। वैसे ये इन दिनों अपनी उपेक्षा से बहुत मर्माहत हैं और जो मन में आ रहा है लीप रहे हैं।बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-7587250008399942072009-04-22T19:27:00.000-07:002009-04-22T19:27:00.000-07:00फिर तो सबसे बढिया नाम हिन्दी है. आलोचक भले पढे अंग...फिर तो सबसे बढिया नाम हिन्दी है. आलोचक भले पढे अंग्रेजी में पर हिन्दी का नाम ज़रूर लेते हैं.प्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-80742813663062474412009-04-22T18:26:00.000-07:002009-04-22T18:26:00.000-07:00आलोचक जी का अभी का नाम तो बताया जाये।आलोचक जी का अभी का नाम तो बताया जाये।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-80905021030761952492009-04-22T14:32:00.000-07:002009-04-22T14:32:00.000-07:00ये कौन हैं? क्या इन्हें पहचाना जा सकता है?
ये कित...ये कौन हैं? क्या इन्हें पहचाना जा सकता है? <br />ये कितने दिन जीवित रहेंगे? क्या इनके बिना जग सूना हो जाएगा? इन्हें आज भी याद किया जाता है अथवा नहीं? पिछली बार ये कब प्रसन्न नज़र आए थे? इनसे मिलकर मनुष्य, कवि, साहूकार, फिल्म निर्देशक, अध्यापक, पड़ोसी, सहकर्मी, डॉक्टर और पशु-पक्षी कैसा अनुभव करते है? क्या इन्हें पाला जा सकता है? हिन्दी इनके तन पर अधिक है या मन पर? हिन्दी इनके सम्मुख है या विमुख? इन्हें कुछ साहित्यकारों के नाम पता हैं? ये उनमें से कितनों के प्रशंसक है? अखबार के अलावा ये और क्या पढ़ सकते हैं? इन्हें क्रोध आता है? क्या धरती से कुछ इंच ऊपर होने का आभास देते हैं? चलते वक्त पृष्ठ भाग कितने कोण पर झुका रहता है? तन कर चलने का अंतिम प्रयास कब किया था? <br /><br />ये वो सवाल हैं जिनका जवाब मिले बिना कोई भी नाम नहीं सुझाया जा सकता।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-921589421577699058.post-86414015521861151682009-04-22T13:43:00.000-07:002009-04-22T13:43:00.000-07:00मेरे नाम में भी तो मदद करो..किताब तो आ गई है..मेरे नाम में भी तो मदद करो..किताब तो आ गई है..Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com