Thursday, August 30, 2007

सफल गृहस्थी के लिए पत्नी की तारीफ करो

दाम्पत्य की कामयाबी का मंत्र

जब मैंने पूज्य उपेंद्र नाथ अश्क जी को यह बताया कि शादी करने जा रहा हूँ तो उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें घर को कामयाब रखने का कुछ गुर बताता हूँ। फिर उन्होंने मुझे कुछ मंत्र दिए। जो आज तक मेरी गृहस्थी को फिलहाल बनाए-बसाए हैं।

कुछ लोग गृहस्थी का असल सुख कलह को मनते हैं । उनका कहना है कि तनी-तना और रंजोगम किस घर किस जोड़े में नहीं होता। लेकिन मित्र घर-गृहस्थी तो वहीं सफल है जहाँ दाम्पत्य सफल हो।

हमारे वेदादि पुराने ग्रंथ भी दाम्पत्य की महिमा गाते रहे हैं। उनका मनना है कि सहाँ सहमति होगी वहीं सुख होगा। जहाँ पति पत्नी की उत्तम श्लोक प्रशंसा करता है दाम्पत्य वहीं सफल है। वहीं सुमति है और बाबा तुलसी दास ने कहा है- 'जहाँ सुमति तहं सम्पति नाना'।
आज यहाँ ऋगवेद की एक ऋचा का काव्यानुवाद प्रस्तुत है। इसका काव्यानुवाद किया है बशीर अहमद 'मयूख' जी ने और किताब 'स्वर्णरेख' नाम से छपी है ज्ञानपीठ, नई दिल्ली से। हो सके तो पूरी किताब पढ़े। आनन्द आएगा।

सफल दाम्पत्य

सूर्य उगा वह मानो मेरा भाग्य उगा !
उसे जानते मैं ने पति को
अपने वश में किया,
विजयिनी शक्ति रूप हूँ,
मैं मस्तक की भाँति मुख्य हूँ ध्वजा-रूप हूँ !

मेरा पति मेरी सहमति को
सर्वोपरि महत्व देता है,
मेरे पुत्र शत्रुहंता हैं, पुत्री रानी;

मेरा पति मेरे प्रति उत्तम श्लोक-प्रशंसा करता है;
अत: हमारा दाम्पत्य जीवन सुंदर है,
सूर्योदय के साथ हमारा
भाग्य उदय होता है प्रतिदिन !

ऋक्.10/159

9 comments:

  1. कैसी ? झूठी या सच्ची ?

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  2. नीलिमा जी आपने सही सवाल किया। मुझे लगता है कि उत्तम श्लोक-प्रशंसा सही और सच्ची तारीफ करने के लिए ही कह रहा है। अगर तारीफ सच न हो तो चापलूसी हो जाती है।

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  3. बिल्कुल ठीक कहा आपने. बहुत अच्छी प्रस्तुति.

    बात-बात में कहा देना कि कलह तो घर गृहस्थी में होते रहते हैं, शायद कुछ ठीक नहीं. दाम्पत्य सफल होना ही सफल गृहस्थी की पहली निशानी है.....मुझे नहीं लगता कि कोई किसी की झूठी तारीफ ज्यादा दिनों तक कर सकता है.

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  4. पति के द्वारा पत्नी की प्रशंसा करना बहुत आवश्यक है, मान गए। किन्तु पत्नी के द्वारा पति को सदा उलाहने, ताने देकर निन्दा करते रहने से ही गृहस्थी ठीक चलती है शायद?

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  5. वाह! क्या तारीफ़ है और क्या आत्मविश्वास है पत्नी का . प्रेरक-सार्थक ऋचा और बशीर अहमद मयूख जी का अच्छा अनुवाद .

    मयूख जी से एक-दो बार मिलना हुआ है . उनकी एक बहुत अच्छी कविता है मेरे पास . ढूंढ कर 'अनहद नाद' पर डालूंगा .

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  6. जरूरी मसले पर सार्थक चर्चा ।

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  7. हम्म्म !
    घुघूती बासूती

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  8. इसी मंत्र की कंठी बनाये अभी तक सफलतापूर्वक भागे जा रहे हैं. आज और कनफर्म हो गया तो समझिये कि कल से पोटेन्सी बढ़ा दी जायेगी. :)

    मेरा पति मेरे प्रति उत्तम श्लोक-प्रशंसा करता है;
    अत: हमारा दाम्पत्य जीवन सुंदर है,


    --यही सोचती होगी पक्का!!

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