Tuesday, September 18, 2007

अपना घर वाली को जन्म दिन मुबारक


जन्म दिन वाला सप्ताह


मेरे लिए यह सप्ताह जन्म दिन से भरा हो गया है। फुरसतिया सुकुल के सचित्र जन्म दिन के बाद कल एक मित्र के जन्म दिन में हैप्पी बर्थ डे टू यू गा कर और बिना केक खाए भी ताली बजा कर लौटा हूँ। आज अपना घर वाली आभा का जन्म दिन हैं। तो 22 सितंबर को हम सब को चिड़िया मानने वाली मेरी बेटी भानी का तीसरा जन्म दिन होगा। वह तीन साल की हो जाएगी। जो लोग नहीं जानते हों उन्हें बताना चाहूँगा कि आभा मेरी पत्नी हैं। मैंने उनके लिए कई सारी कविताएँ लिखी हैं कुछ को ब्लॉग पर डाल कर मित्रों की चुप्पी का आनन्द पा चुका हूँ। आज आभा के इस जन्म दिन पर हार्दिक बधाई देते हुए एक कविता उसे ही समर्पित कर रहा हूँ।

तुम हो

पुल के ऊपर से
अनगिनत पैर गुजर चुके हैं

तुम जब गुजरो
तुम्हारे पैरों के निशान
पुल के न होने पर भी, हों

पुल से होकर बहने वाली नदी
बार-बार कहे
तुम हो
तुम हो।

14 comments:

  1. आभा को जन्मदिन की शुभकामनायें !

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  2. कविता सरल है और गूढ़ भी... आभा को जन्मदिन की बधाई..

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  3. भई बधाई हो । आपको भी और आभा जी को भी ।

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  4. आभा जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाईयां।
    अब तो हमे भी लगने लगा है कि चिट्ठाकारों की पूरी खेप सितम्बर महीने मे ही अवतरित हुई थी।


    और हाँ, आपका श्वेत-श्याम वाला फोटो बहुत धांसू है, वही लगाएं।

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  5. जन्मदिन की बहुत बधाई...

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  6. आभा जी को जन्मदिन की बधाई!

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  7. हमारी तरफ से भी बहुत-बहुत बधाई। जन्मदिन मुबारक हो। बोधिजी आप कवितायें लिखते रहें आभाजी के नाम हम लोग हैं न सुनने सराहने के लिये ।

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  8. आभा जी को जन्मदिन की बधाई!

    समर्पित कविता भी आपने खूब कही. सुन्दर जन्म दिन का उपहार!

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  9. आप सब की बधाइयाँ आभा तक पहुँच गई हैं। आप सबको हार्दिक धन्यवाद।

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  10. एक बार फ़िर से जन्मदिन मुबारक!

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  11. आभा जी को बधाई..
    ये कविता आप शायद पहले भी पढवा चुके हैं.. पहले भी बहुत पसंद आयी थी..

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  12. आभा जी को जन्दिन की शुभकामनायें।

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