आप भी सुने टांड की आवाज
किसी ने कहा है कि कवि को लुभा सकती है तारों की चमक और वह मोहित हो सकता है जंगल में हिलती एक पत्ती से भी। कवि के लिए हर आवाज मायने रखती है। जीतेन्द्र चौहान ऐसे ही कवि हैं जो हर बड़ी छोटी आवाजों को सुनते हैं और अपने तरीके से उसे दर्ज करते हैं। इंदौर, नई दुनिया में काम कर रहे जितेन्द्र के अब तक दो कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। पहला संग्रह पुरखों के बीच 1998 में आया था और उसके ठीक 10 साल बाद आया है नया संग्रह टांड से आवाज। हिंदी कविता के जोड़ भाग से अलग रचनारत इस सहज सरल कवि को अभी बहुत कुछ लिखना है। हिंदी को समृद्ध करना है। कवि बहादुर पटेल अपने ब्लॉग मैं संतूर नहीं बजाता में उनकी एक कविता प्रकाशित कर चुके हैं। यहाँ आप पढ़ें उसके दोनों संग्रहों से एक-एक कविता।
तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारे जाने के बाद
घर ही उठकर
चला गया है
तुम्हारे साथ
मेरे पास तो
सिर्फ
दीवारें बची हैं (पुरखों के बीच)
प्रेम की बूँदों से
हम तो
बाँस के जंगल में
लगी आग की
सुलगती राख हैं
हम तो
शादी के इंतजार में
जिनकी आँखों के
सपने सूख गए
छोड़ गए
आँखों के नीचे
अपने स्याह निशान
ऐसी मंगली बहनों के भाई हैं
हम तो प्रेम बावड़ी से निकले
बादल हैं भरे हुए
जहाँ भी गए
तर ब तर कर दिया
प्रेम की बूँदों से । ( टांड से आवाज)
आप पढ़े इस संग्रह की सारी कविताएँ और फिर बताएँ कि कैसी है टांड की आवाज ।
दोनों रचनाऐं बेहद उम्दा लगीं. प्रयास रहेगा कि संकल्न हासिल हो पाये और पढ़ें. आपका आभार इन्हें यहाँ प्रस्तुत करने का.
ReplyDeletebhai saheb,
ReplyDeletebahut achchha kaam kiya aapane.
jitendra bhai ka sangrah tand se aavaaj maine padha hai.
bahut achchhi kavitayen hai.
unaki kavitayen patrikaon me ham sab padhate hi hain.
lekin aapane apane blog par sthan dekar bahut badhiya kiya.
achchha laga.
badhai.
dhanywaad.
बहुत ही मार्मक कविताएँ हैं। संवेदनाएँ जहाँ अपने पूरे वेग से प्रकट होती हैं।
ReplyDeleteबेहतरीन कविताएं....
ReplyDeleteaabhaar..sankalan khojaa jayegaa ab
ReplyDeletebhai saheb krishna patel ke nam se jo comments hai vah meri aur se hai. mere balak ne sine out nahi kiya isliye yah usake nam se prakashit ho gai.
ReplyDeletethanx.
पारुल जी
ReplyDeleteयह संकलन पाने के लिए आप पार्वती प्रकाशन, 73, ए द्वारिकापुरी, इंदौर-452009( मध्य प्रदेश)से मो नं.09770338918 पर बात कर लें।
सुन्दर भाव की कविताएं पढ़वाने का आभार...।
ReplyDeleteबोधि भाई,
ReplyDeleteमार्मिक कविताएँ पढवाने का शुक्रिया
-लावण्या
बेहतरीन कवितायें। पढ़वाने के लिये आभार!
ReplyDeleteइन कविताअों को लगाने के लिए शुक्रिया दोस्त।
ReplyDeleteकविताएं उम्दा हैं..इस बात पर तो कोई शक नहीं है.
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