होली आज हो या कल उससे क्या फरक पड़ना। सब सबके गले मिलें लेकिन गला दबाने के लिए नहीं...सब सब से बात करें लेकिन गाली देने के लिए नहीं...आज .सब सब याद करें लेकिन सुपारी देने के लिए नहीं...होली मुबारक हो।
होली के होहे।।
होली आई देख के फुरसतिया हैरान
शिव जी भी हैरान है हलचल में हैं ज्ञान।।
निर्मल ज्ञान बिख्रेर कर सोते अभयानन्द
अजदक की गठरी फटी, ठुमरी पड़ गई मंद।।
हिंदुस्तानी डायरी रचें अनिल रघुराज
पौराणिक के पृष्ठ पर किसका झंडा आज।।
अनहद नाद अलोप हैं, सुन्न पड़े इरफान
शब्द खोजते थक गए बडनेकर बलवान।।
युनुस का बाजा बजे, सुनते अफलातून
कौन कबाड़ी ले रहा कविता एवज नून ।।
रतलामी के राज में खोए से संजीत
न काहू के शत्रु हैं दुनिया भर के मीत।।
अ आ करके मस्त है अरुणादित्य महान
कविता-सविता छापते हरे पराशर ज्वान।।
उड़न तश्तरी फिर रही भारत औ ब्रह्मांड
अवधिया फैला रहे मुफ्त हकीमी कांड।।
हल्ला था आशीष का, निकला वहाँ भड़ास
आठ आने की आस थी मिली चवन्नी खास।.
चोखेर बाली में छपे बेदखली के बचन
वांगमय में खो गए लाल विशाले-बयन।।
लिंकित मन में घुल गया मसिजीवी का इंक
ममता अनिता से बना अपना घर का लिंक।।
घुघूती के घर में गया बेजी का पैगाम
बचते-बचते हो गया विनय-पत्र बदनाम।।
भूले-बिसरे मित्र सब शत्रु हो गए आज
होली आई देख के विष्णु-शिव भए आज।।
लावन्यान्तर्मन हो या विस्फोटी संजयान
पहलू बदल-बदल कर बिखर रहे इरफान।।
सबके मन में जल रही बड़ी होलिका आग
हिंदी के ब्लॉगर सभी हिंदी के सौभाग।।
नोट-
जो लोग यहाँ नामांकित होने से रह गए हों वो अपना समझ कर होली की गोली मार सकते हैं...आज सब कुछ झेलने के लिए तैयार हूँ...।
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23 comments:
मेरा नाम नहीं है... बू हू हू हू.....
चलिये कोई बात नहीं.. आपको होली की सुभकामनाऐं... :)
बहुत खूब!!
अरे काहे होगा विनय पत्र बदनाम
हुई भी गवा तो भी होगा आखिर नाम!!
ई लो हम तो होली की शुभकामना देना ही भूल गए थे!!
मुआफी!!
आपको होली पर सपरिवार शुभकामनाएं
बहुत बढ़िया.....गजब रंग उड़ायें हैं बोधि भइया...
होली की ढेर सारी शुभकामनायें..
बहुत सुन्दर ! होली के रंग में रची रचना में अपना नाम पढ़ गदगद हो गई । हमारी ओर से आपको व आपके परिवार को होली पर हमारी शुभकामनाएँ । आशा है हमारी होली की तरह ही आपकी होली भी रंगीन, सुखद व स्नेह भरी हो ।
घुघूती बासूती
भई भौत भड़िया है जी।
जी वो आपने एक बदमाश का दीवान छापना शुरु किया था, फिर बंद क्यों कर दिया जी।
सबसे ज्यादा हम दुखी ना पाकर अपना नाम
विनय पत्र के नाम अब देते हैं पैगाम
होली मुबारक...
यह तो बहुत पक्का रंग लगाया जी आपने, और सब को!
बहुत बधाई होली की।
धांसू है जी। हम टाप पर हैं। बाकी टाप लेस हैं। मजे हैं न!
बहुत बढ़िया..बोधि भइया होली की ढेर सारी शुभकामनायें
बहुत खूब ...
आपको भी होली की बधाई ।
"बोधि" बूढ़े हो चले जग को मिला प्रमाण
"नीरज" तेरे नाम का रखा नही जब ध्यान
:))
हमने तो अपने दोहे समस्त हिन्दी ब्लॉग वालों के लिए ही लिखे थे, क्यों की सुना था की ब्लोगगिंग समझदार लोग नहीं करते.
आप और आप के समस्त परिवार को होली की शुभकामनाएं.
नीरज
आभा जी , मानस, भानी और आपको होली पर शुभकामनाएँ । सप्रेम
फुरसतिया मस्त बोले हैं कि वो तो टॉप पर हैं, बाकी सब टॉपलेस हैं। मैं तो यही सोच-सोचकर हंसी रोकने चक्कर में पड़ा हूं कि ज्ञानदत्त जी से लेकर रतलामी, उड़नतश्तरी और खुद बोधि बाबा आप जैसे तमाम ब्लॉगर टॉपलेस में कैसे दिखेंगे।:)
होली मुबारक। पूरे परिवार के साथ मालपूआ ज़रूर खाएं। आप भांग खाकर पूरे मोहल्ले को पकड़कर कम से कम अपनी 100 कविताएं सुनाएंगे। ये ही शुभेच्छा।
बहुत सुन्दर रचना कर दी आपने तो, होली की बधाई
रंगों का बहुत सुंदर मिश्रण!!!
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाए।
ऐसी कविता लिखकर जब होली मनाई बोधी ने
किसी से तारीफ पाई किसी से गाली खाई बोधी ने
एक कविता में ठूंस डाले सबके नाम बोधी ने
मज़े मज़े में कर डाले ऐसे टेढ़े काम बोधी ने
विनय पत्रिका में लपेटकर भेजी भांग बोधी ने
टीपे जायें लोग अब,
बढ़ा दी मांग बोधी ने ।।
ये तो बहुत ज़ोरदार है भैया ...
मज़ा आ गया होली में....
सारे ब्लागरों को बधाई
बोधि की दोहावली पढ़ कर रह गए दंग
समा बांध दिया बंधु। शुक्रिया बहुत बहुत । होली तो बीत गई , सो बधाई अब क्या दें...रंगपंचमी की अग्रिम बधाई ले लीजिए। भोपाल में होली से ज्यादा रंगपंचमी पर धमाल होता है।
गजब किया है बड़े भाई आपने ! होली का एक बिल्कुल अनोखा रंग - सब ब्लागरों के संग !
देर से आए है पर ऐसा लिखा की रोक ना पाया..बहुत मजगर है भाई...
अब बतायें-इत्ती बेहतरीन होली खेली गई और हम ही चूक गये खेलने से...क्या कहें खुद को!!
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