Thursday, October 8, 2009

खेल संस्कृति नहीं खल संस्कृति

उषा क्यों नाराज हो
पी.टी.उषा तुम्हारे साथ मध्य प्रदेश जो हुआ उसे सुन कर बस एक ही बात ध्यान में आई कि देश में खेल संस्कृति नहीं बल्कि खल संस्कृति का राज है।

4 comments:

Ashok Kumar pandey said...

सहमत

अनूप शुक्ल said...

वे पीटी को भागते देखना चाहते थे।

Udan Tashtari said...

बिल्कुल सटीक कहे हो महाराज भानी बोधिसत्व जी!

अजय कुमार झा said...

और फ़िर भी देश चाहता है कि राष्ट्रमंडल खेलों में खिलाडी ढेरों पदक जीते...